करोड़ों के स्टांप घोटाले में मुख्य मास्टरमाइंड और 25 हजार के इनामी विशाल वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी से पूछताछ में रजिस्ट्री कार्यालय के कई अफसरों और कर्मचारियों के नाम का खुलासा हुआ है, जो रजिस्ट्री कराने में मदद करते थे.पुलिस पता करने का प्रयास कर रही है स्टांप कहां से और कैसे लाए जा रहे थे. इस पूरे मामले में कई अफसरों की गर्दन फंसने वाली है.
मेरठ में फर्जी स्टांप के जरिये करोड़ों का घोटाला अंजाम दिया गया था. मामले का खुलासा होने के बाद सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों-अधिकारियों ने जांच के बाद 997 बैनामों में इसी तरह के स्टांप के इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि की और मुकदमे दर्ज कराए. दूसरी ओर विशाल वर्मा की घेराबंदी शुरू की गई. विशाल वर्मा पर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हुए. शासन ने गंभीर मामले में मेरठ में कमिश्नर के नेतृत्व में जांच कमेटी भी बनाई. पुलिस ने विशाल वर्मा के दो साथियों को चार दिन पहले गिरफ्तार किया था.
विशाल वर्मा को मेरठ में गिरफ्तार कर लिया गया. विशाल से पूछताछ शुरू की तो कई अफसरों और कर्मचारियों से संपर्क का खुलासा हुआ. विशाल का साथ देने वाले रजिस्ट्री कार्यालय और बाकी विभाग के कई अफसरों-कर्मचारियों की गर्दन भी फंसने वाली है. पुलिस अफसर पूछताछ में लगे हैं और पता करने का प्रयास किया जा रहा है आखिर ये स्टांप कहां से लाए जा रहे थे. मेरठ पुलिस-प्रशासन की ओर से शासन को सूचना भेजी गई है.
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